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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी--भाग--36


 विशाला के आने के बाद सिम्मी ने विशाला को अपने केबिन में बुलाया और अपना लैपटॉप खोलकर दिखाते हुए कहा

" विशाला सेम ऐसे ही गारमेंट मुझे चाहिए जिस पर ऐसे ही फ्लावर हो और s लिखा हुआ हो ।
जो पूरी तरह से वेलवेट टच हो।

 उसके सारे वॉशिंग केयर और जितनी भी टैग्स की डिटेलिंग हो ,उन सब के साथ मुझे आज के आज दो।

 मुझे उसे ऑस्ट्रेलिया की भेजना है।"

 विशाला ने उसे अच्छी तरह से देखा। उसकी डिटेलिंग अपनी कॉपी में नोट की ।

फिर जल्दीसे नीचे मशीन डिपार्टमेंट में चली गई।

 उसने टेलर को हराकर और पोशाक की फोटो दिखाया और कहा

" मुझे आज दोपहर तक सेम ऐसा ही कपड़ा मिल जाना चाहिए।"

 हेडटेलर ने कहा ठीक है मिल जाएगा।

 विशाला अपने केबिन में आकर अपने लैपटॉप में सारे वाशिंग के और जितने भी इनक्वायरी रिलेटेड जरूरी चीज बाकी थी उसे एक्सेल शीट में लिख लिया और डिपार्टमेंट में भेज दिया।


शाम तक सारे काम हो चुके थे। सिम्मी ने उन सारी डिटेल लिखकर आरती को मेल कर दिया और सारे गारमेंट कोरियर के थ्रू ऑस्ट्रेलिया भेज दिया।

 भेजने के बाद उसने राघवेंद्र की केबिन में गई और उसने आरती का मैसेज और सारी बातें उसे बताया ।
उसे सारी इनफार्मेशन हैंडोवर कर उसके मेल पर सीसी कर जानकारी दिया।

 राघवेंद्र एक बहुत ही सुलझा हुआ व्यक्ति था। उसने  सिम्मी से कहा

" सिम्मी इतनी देर रात तक ऑफिस में रुकना सेफ नहीं होता ।आखिर दिल्ली ही है इतनी क्राइम होते हैं यहां!
 तुम लोग अपने काम जल्दी कर लो और जल्दी जल्दी ही निकल जाया करो।"

 सिम्मी आश्चर्य से  राघवेंद्र का चेहरा देखने लगी।

 उसने कहा
" सर मेरे पास मोबाइल है, गाड़ी है। कोई दिक्कत नहीं है।"

 राघवेंद्र मुस्कुराने लगा ।

उसने कहा 
"घर,गाड़ी, बंगला ,मोबाइल, जिनके पास होता है उसे ही परेशानियों को झेलना पड़ता है।

खैर...इमीडिएट कभी भी जरूरत हो! सोचना मत ...मुझे जरूर कॉल कर लेना।"

 आखिर  ये हमारी राजधानी दिल्ली है।क्राइम के मामले में गाड़ी नहीं घर बंगला सब कुछ असुरक्षित है।"

यस यस सर सिम्मी सिंह से कुछ भी करते हुए नहीं बना राघवेंद्र बात तो सही कह रहा था उसने कहा ठीक है सर कभी भी मुझे जरूरत पड़े तो मैं आपको कॉल करूंगी थैंक यू और आपकी स्टेशन एंड केयरिंग उसने घर चली आती है


राघवेंद्र की पर्सनल केयरिंग सिम्मी को अंदर दिल को छू गई थी।

वह खुद को बहुत ही  तरोताजा महसूस करने लगी थी।


घर पहुंचने के बाद भी सिम्मी  ने पहले आरती को फोन लगाया और दिन भर का हालचाल शेयर किया।

उसकी खनकती हुई आवाज आरती को महसूस कर रही थी कि सिम्मी बहुत ही खुश है।

 उसने सिम्मी से पूछा
" क्या बात है सिम्मी!, आज तुम बहुत ही खुश लग रही हो?"

 सिम्मी ने उसी तरह से हंसते हुए कहा
" नहीं नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं !मैं तो हमेशा ही खुश रहती हूं।"

 आरती--" कोई बात नहीं! आजकल दोस्त भी दीवार उठाने लगे हैं। अब मैं यहां ऑस्ट्रेलिया में हूं तो तुम मुझसे सच्चाई छुपा रही हो।
 कोई बात नहीं। मुझे जल्दी पता लग जाएगा!"

 सिम्मी--" अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तुमसे भला क्या छुपाउंगी।
 दोनों एक दूसरे का हालचाल लेने के बाद फोन रख दिया।

 सिम्मी ने जल्दी से केतकी मासी को फोन लगाया। यह उसका डेली रूटीन था।

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क्रमशः

सीमा

©®


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3 Comments

shahil khan

06-Apr-2023 09:59 PM

nice

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Vedshree

06-Apr-2023 08:07 AM

Nice 👌

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